कोई सियासी मुजरिम था!
या सजायाफ्ता कैदी...
एक अरसे से
निर्वासित जीवन जी रहा है
भवहें टेढी कर तुमने
फतवा जारी कर दिया है उसपर
काला है , पर तुम्हारे पहुँच से परे है
या सजायाफ्ता कैदी...
एक अरसे से
निर्वासित जीवन जी रहा है
भवहें टेढी कर तुमने
फतवा जारी कर दिया है उसपर
काला है , पर तुम्हारे पहुँच से परे है
बनावटों के बीच मौलिक है
विशेषणों के बीच कर्ता है
निहत्था है, अकेला है
विशेषणों के बीच कर्ता है
निहत्था है, अकेला है
तुम्हारा आरोप है कि वो शिकायत करता रहता है
मैं भी कहता हूँ धुंआ उगलता रहता है
...बुनियाद मैं आग देख रहा होगा शायद
कोई जानवर है शायद तभी
अनिष्ट की आशंका भांप लेता है
आजकल...
कारखाने का चिमनी हो गया है
... अच्छा, तभी शहर के सरहद पर बसा दिया है उसे!
कोई जानवर है शायद तभी
अनिष्ट की आशंका भांप लेता है
आजकल...
कारखाने का चिमनी हो गया है
... अच्छा, तभी शहर के सरहद पर बसा दिया है उसे!
2 टिप्पणियाँ:
वल्लाह .आप उसी धूनी पे रौनक जमाये बैठे है ....उसी चिलम के साथ
सागर भाई, ये दुनिया न अमीरों से बदलेगी, न वजीरों से, ये दुनिया अगर बदलेगी तो बस आप-हम जैसे फकीरों से. बीबीसी पर मेरी टिप्पणी पर हौसला-अफजाई के लिए तहे-दिल से शुक्रिया.
Post a Comment