आमीन


हम करें दो सौवीं बार प्रेम
पहले को ध्यान में रख कर

आग सुलगाएँ, चूल्हा जलाएं, रोटियां पकाएं,
बच्चों को भूखा सुलाएं, डराएं

रोशनदान में पनाह लिए 
कबूतर पर निशाना साधें
ढेले मारें, खून रिसायें, 
एक टांग पर मजबूर करें.

पेड़ लगाएं, पत्ते खिलाएं, लहलहायें,
आग लगाएं

गालों पर चलते आंसू को तमाचा मार
रास्ता भटकाएँ

सांस उगायें, दफ़न करें,
बंजर भूमि पर नयी नस्ल तैयार करें

नेमत का मखौल उडाएं,
बाहें फैलाएं, बिठाएं श्वास नली में
बारूदी हवाएं.

शिद्दत के अफसानों को दुत्कार लगाएं,
बिस्तरें उठायें, किराये लगाएं
गिरवी रखें अंतिम पहर
सिरहाने रखें अस्तमा की दवाएं

शोकगीत पढ़ें, वक्त रहते मरें
खाल उतारें, धूप लगाएं
फिर उनका व्यापार करें

विनाश हो मेरा !