कुछ तस्वीर


चांदनी : आकर लेता हुआ जैसे
शंख !

रेत : जैसे नदी के टूटे हुए
दो पंख!

सरहद पर इमली के पेड़ की छाया!
देर रात तक, कोई नहीं

........................ आया !!!

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