मधुरमिलन....
इतिहास शीशे की पारदर्शिता,
भविष्य अधरों की मुस्कान
वर्त्तमान उदीप्त दीपक,
धैर्य के...
क्षण-क्षण अक्षुण पल,
अविभाज्य प्रेमोपहार,
सर्वस्व काव्यमय
शब्द, अलंकार, आभूषण
कोमल, सौम्यता, वैराग्य
पूर्णिमा शताब्दी बाद
अग्नि, नीले ज्वाला सी।
ब्रह्माण्ड वायु से विरल,
निर्वात, अमर ज्योति !
प्रेम मधुरमिलन....
---- सागर...
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