नयनाभिराम

नयनाभिराम
नेत्र तुम्हारे,
सृष्टी स्थित हरेक प्रजाति के
पुष्प रस से निर्मित,
मदिरा- मिश्रित....

जो मद्दपान करे

मदिरा की लालसा त्याग दे

पाश!

असंभव चक्रव्यूह से निकला
सुंदरता की पराकाष्ठा...

हो तुम!!!!!

----सागर...

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