नयनाभिराम
सृष्टी स्थित हरेक प्रजाति के
पुष्प रस से निर्मित,
मदिरा- मिश्रित....
जो मद्दपान करे
मदिरा की लालसा त्याग दे
पाश!
असंभव चक्रव्यूह से निकला
सुंदरता की पराकाष्ठा...
हो तुम!!!!!
----सागर...
कविता एक असल हरामज़ादी हो सकती है. वह विकृति पैदा करती है - महमूद दरवेश
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