तीन बरिस की पाती
और जीवन भर की थाती
उन गानों का कब निकले मतलब
जो कलेजे चिपटा मुन्नू को गाती
बोलो सुलोचना
इत्ता मार क्योंकर खाती
फिर जबकि सबकुछ पति को ही देना
दिन भर कोयला फोड़ना, चूल्हा फूंकना, खांस-खांस कर भोजा भरना
और बच्चों के लिए मर जाना
जो तुमसे पूछे चूड़ी बारे में
जो तुमसे पूछे साड़ी बारे में
जो तुमसे पूछे मन्नत बारे में
जो तुमसे पूछे मायके बारे में
अपना दिल मचले तो करे ठुकुरसुहाती
उज्जर आंखों वाली सुलोचना
बोलो इत्ता मार क्योंकर खाती
दिन भर कोयला फोड़ना, चूल्हा फूंकना, खांस-खांस कर भोजा भरना
और बच्चों के लिए मर जाना
जो तुमसे पूछे चूड़ी बारे में
जो तुमसे पूछे साड़ी बारे में
जो तुमसे पूछे मन्नत बारे में
जो तुमसे पूछे मायके बारे में
अपना दिल मचले तो करे ठुकुरसुहाती
उज्जर आंखों वाली सुलोचना
बोलो इत्ता मार क्योंकर खाती
भोली भाली पियारी सुलो
खसम को भूलो, जिद पर तुलो
कभी खुद को देखो, सबको भूलो
कानी उंगली जित्ता पाठ भी
याद नहीं तुम कर पाती
इत्ता मार क्योंकर खाती
क्या सिलेबस तेरा बाप पढ़ाया
कहां तूने जिनगी खपाया
गोयठे की दीवार बन गई
समय से पहले देह भई माटी
बोलो सुलोचना
इत्ता मार क्योंकर खाती
5 टिप्पणियाँ:
मार्मिक!
गहरी पाती,
दुख ले आती..
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wah, bada hu sunder likhte hai aap, iske liye apka shukriya,
तिरंगा फोटो
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