दिल के दरारों के बीच
लबालब प्यार भरे तुम टूट कर आई थी,
पार्क में मुझे धक्का दे कर मेरे ऊपर लेट गयी थी.
कितनी तहों में था मैं
ब्रह्माण्ड-पाताल-धरती और तुम्हारे-आकाश के बीच
अंडे के जर्दी सा सुरक्षित
'वोमेन ओन टॉप' का मतलब समझना बहुत देर से हुआ था
*****
तुम्हारे गुदगुदे हाथों की नर्माहट नहीं थी
नन्हा सा दिल कद्दू के पेड़ से निकला नया जन्मा धागा भर था
जिसकी कोमलता जांचे में धोखा दे जाती है.
तुम सीढ़ी की तरह आ कर दिल से लग रही
मैं लिपटता हुआ ऊपर चढ़ गया
छत पर मैंने बहुत सारे बच्चे दिए हैं
इस तरह से गुँथ गया मैं तुममें
घरवालों को अब छत से सीढ़ी भी हटानी होगी.
*****
बहुत खुबसूरत सी चाँद बन कर घर में भागती रहती हो भाभी
छोटे बच्चे (देवर) बादलों के तरह पीछे भागते हैं
आज अपना यह बंगालन रूप उतार लो
बच्चे मासूम ही भले लगते हैं.
बड़ा सुन्दर अधिकार है मेरा,
थोडा सामंत मुझे भी बन लेने दो.
*****
थोडा अँधेरा भी अच्छा होता है
कि तारे टिमटिमाते हुए तभी दीखते हैं
किसने शाप दिया है उसको ?
जो ज़रा सी चमक में ओझल हो जाते हैं ?
ये कंधे हैं तुम्हारे दुखों के
ना दिन में सूरज पर जाना
ना रात में चाँद को सोचो
तारे बताएँगे हमें, बुझते हुए जलना और जलते हुए बुझना
झिलमिलाना.
- एक निर्विवाद सत्य.
14 टिप्पणियाँ:
'वोमेन ओन टॉप' का मतलब समझना बहुत देर से हुआ था
देर आयद दुरुस्त आयद. :-)
प्रेम का एक यह भी रूप सही।
बेबाक अभिव्यक्ति है ..पर बढ़िया लगा पढ़कर
women on top....
humen bhi samjha diya naya matlab... :)
aur sitaron ko mila shaap.. . adbhut....
ये कंधे हैं तुम्हारे दुखों के
ना दिन में सूरज पर जाना
ना रात में चाँद को सोचो
तारे बताएँगे हमें, बुझते हुए जलना और जलते हुए बुझना...
love this most.....
rest...
some confession are better to kept secret.
सहजता,सम्पूर्णता,स्पष्टता...जलते हुए बुझना क्या बात है ....लाजवाब, निशब्द करने वाली रचना।
सागर साहब अब आपके ब्लाग की लत लग गई है।
अब हम भी आपके तलबगार है...!
डा.अजीत
www.shesh-fir.blogspot.com
www.meajeet.blogspot.com
प्रेम का एक यह भी रूप सही। धन्यवाद|
bhai kamal hai kamal!! khoob behtar aur behtar likhen yahi ummeed hai...
ये कंधे हैं तुम्हारे दुखों के
ना दिन में सूरज पर जाना
ना रात में चाँद को सोचो
तारे बताएँगे हमें, बुझते हुए जलना और जलते हुए बुझना...
bahut hi zabardast ehsaas hai ye
aur ande ki jardi ki tarah safe hona bhi kamaal ka bimb hai.
shukriya
छत पर मैंने बहुत सारे बच्चे दिए हैं
इस तरह से गुँथ गया मैं तुममें...
कमाल है...
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
सागर की लहरों का क्या ठिकाना...कहाँ बहा कर ले जाए..
hi....sagar......kya rachte ho......bare jachte ho.........
sadar.
कितनी तहों में था मैं ???
इस तरह से गुँथ गया मैं तुममें ??
प्रेम का अनोखा अंदाज़ ..
सलाम सागर
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